• तेलानी राम की कहानियाँ (एक अजीब रिवाज)
( एक अजीब रिवाज ) एक बार तेलानी राम और महाराज के बीच बहस छिड़ गई की लोग किसी की बात पर जल्दी विश्वास कर लेते है की नहीं? तेलानी राम का कहना था की लोगो को आसानी से बेवकूफ बनाकर अपनी बात मनवाई जा सकती है। महाराज का कहना था की ये गलत है। लोग इतने मुर्ख नहीं है की किसी की बात पर भी आँख मूंदकर विश्वास कर ले।महाराज ने कहा: "तुम किसी से भी जो चाहो नहीं करके सकते"। श्रमा करें महाराज,! में अपने अनुभव से कह रहा हो की यदि आपमें योग्यता है तो आप सामने वाले से असंभव से असंभव कार्य भी करवा सकते है- बल्कि में तो यहाँ तक कहूंगा की यदि में चान्हू तो किसी से आप पर जूता भी फिकवा सकता हूं। "क्या कहा ? महाराज ने आँखे तरेरी- हम तुम्हे चुनौती देते है तेलानीराम कि तुम ऐसा कर के दिखाओ ।" तेलानीराम ने सिर झुकाया: मुझे आपकी चुनौती स्वीकार है महाराज! किन्तु इसके लिए मुझे कुछ समय चाहिए।' दृणता से महाराज ने कहा "तुम जितना चाहो समय ले सकते हो।' और उस दिन बात आई -गई होगी । तेलानीराम और महाराज दोनों ही अपने- अपने क...
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